

















क्या आपमें है डेविल्स ब्रिज पार करने की हिम्मत?
- मिज़ारेला पुल उत्तरी पुर्तगाल में, मोंटालेग्रे के बॉर्डर और विएरा डि मिन्हो के बीच में बना हुआ है। इस ब्रिज के बारे में कहा जाता है कि इसे शैतान ने ख़ुद बनाया था, इसलिए इसे "डेविल्स ब्रिज" भी कहा जाता है। हरे-भरे "गैरेस माउंटेन" के बीचों-बीच चमकीली "रबागाओ" नदी के ऊपर बना मिज़ारेला पुल एक रहस्यमयी जगह है। आपको यह पुल ज़रूर देखना चाहिए। यह रहस्यमयी पुल कैसे बना और यहाँ आने वाले लोगों को होने वाले भूतिया एहसास की दिलचस्प कहानी जानने के लिए, क्लिक करें।
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कोई नहीं जानता यह कब बना
- इसके स्ट्रक्चर को देखकर अंदाज़ा लगाया जाता है कि यह मध्यकाल (मिडिवल पीरियड) में बनाया गया था। इसका स्ट्रक्चर, मध्यकालीन वास्तुकला (मिडिवल आर्किटेक्चर) से बहुत मिलता-जुलता है। इस पुल को घने जंगल के बीचों-बीच बनाया गया है। इस तरह घने जंगलों के बीच पुल मध्यकाल के दौरान ही बनाए जाते थे।
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यह है किवदंती
- ऐसा कहा जाता है कि एक बार एक बेहद खूँखार डाकू पकड़े जाने से बचने के लिए पहाड़ों में आ छिपा। लेकिन, जल्दी हो लोग उसका पीछे करते हुए
घने जंगल तक आ गए। उसने भागने के लिए तेज़ बहाव वाली रबागाओ नदी को पार करने की कोशिश की। लेकिन, वह नदी के चारों ओर मौजूद खड़ी चट्टानों में फंस गया।
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डाकू ग़लत समय पर ग़लत जगह फँस चुका था
- उसे चट्टानों के बीच फँसे-फँसे रात हो गई। उस सर्द और तूफ़ानी रात में डाकू की हालत ख़राब हो चुकी थी। उसका भगवान से भरोसा उठ चुका था। इसलिए, उसने शैतान की मदद लेने का फैसला किया। ठीक आधी रात को उसने शैतान को आवाज़ लगाई।
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शैतान के साथ समझौता - उसके पुकारने पर शैतान फौरन ही प्रकट हुआ और उससे पूछा कि वह क्या चाहता है? डाकू ने कहा कि,"मुझे ये डरावनी और गहरी नदी की घाटी पार करा दो। मैं बदले में अपनी आत्मा तुम्हें सौंप दूँगा।"
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शैतान की शर्त - शैतान ने डाकू से कहा कि," एक शर्त पर मैं तुम्हें नदी पार करा सकता हूँ। तुम सीधे चलते जाओगे और पीछे मुड़कर नहीं देखोगे" डाकू ने उसकी शर्त मान ली। जिसके बाद शैतान ने हवा में हाथ घुमाकर गहरी नदी के ऊपर पत्थरों का एक पुल बना दिया।
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डाकू ने अपना वादा निभाया
- डाकू जितनी तेज़ी से दौड़ सकता था, उतनी तेज़ी से बिना पीछे देखे पुल पर दौड़ने लगा। अगर वह पीछे देखता, तो उसे पता चलता कि वह पुल हवा में गायब हो गया इससे पहले कि उसका पीछा करने वाले उसे पार कर पाते।
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लेकिन कहानी यही ख़त्म नहीं होती
- बरसों बीतने के बाद, जब वह डाकू मरने वाला था, तो उसने अतीत में किए गए बुरे कामों का प्रायश्चित करने का सोचा। उसे शैतान के साथ किए गए समझौते पर पछतावा हुआ और उसने अपनी आत्मा को शैतानी चंगुल से निकालने के लिए एक आख़िरी कोशिश करने का फैसला किया।
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वह पादरी के पास गया
- वह उत्तरी पुर्तगाल में अपनी नज़दीकी म्यूनिसिपैलिटी (नगर पालिका) मोंटालेग्रे में एक ऐसे जाने-माने पादरी की तलाश में निकल पड़ा, जो उसकी आत्मा को वापस ला सके।
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एक पादरी ने चुनौती स्वीकार कर ली
- उसको एक पादरी मिल गया। वह पादरी रात के समय एक किसान के हुलिए में पहाड़ी इलाके में रबागाओ नदी की तरफ जा पहुँचा। उसने ठीक वैसा ही किया, जैसा डाकू ने पिछली बार किया था। उसने ठीक आधी रात के समय शैतान को पुकारा और पुल के बदले अपनी आत्मा सौंपने का वादा किया।
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शैतानी पुल दिखाई देने लगा
- जैसे ही नदी की तेज़ धारा के ऊपर पत्थर का पुल बनना शुरू हुआ। पादरी ने फुर्ती दिखाते हुए अपनी टोपी के नीचे से पवित्र जल का एक कलश निकाला और भूत भगाने का मंत्र पढ़ते हुए हीदर की टहनी से उस पर पवित्र जल छिड़क दिया। जल गिरने से शैतान चिल्लाया। शैतान की काली आकृति एकदम ग़ायब हो गई और हवा में मछली और सल्फर की गंध भर गई।
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बुराई पर अच्छाई की जीत हुई
- शैतान तो ग़ायब हो गया, लेकिन पुल ज्यों का त्यों रह गया। तब से "डेविल्स ब्रिज" उसी सुंदर और शाही हालत में रबागाओ नदी के किनारे पर मौजूद है। लोगों का मानना है कि कथित तौर पर इस पुल में जादुई गुण हैं।
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गर्भधारण का आशीर्वाद
- ऐसी किवदंती है कि अगर कोई महिला गर्भ धारण नहीं कर पा रही है या वह गर्भवती है और उसे पता है कि बच्चे को जन्म देने में परेशानी हो रही है, तो उसे रात में अपने परिवार के साथ पुल के आर्क के बीचो-बीच एक रस्सी व एक ग्लास के साथ जाकर खड़े होकर इंतज़ार करना चाहिए।
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पुल के ज़रिए चुनते हैं बच्चे के गॉडपैरेंट्स! - सभी पुल पर खड़े होकर इंतज़ार करते हैं और पुल पार करने वाला पहला व्यक्ति उस पैदा होने वाले बच्चे का गॉडफादर या गॉडमदर बनता है।
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होता है जन्म से पहले बपतिस्मा
- कुछ सूत्रों के अनुसार चुने गए नए गॉडपैरेंट को रस्सी का इस्तेमाल करते हुए गिलास को नदी में लटका कर पानी भरना होता है। फिर इस पानी को गर्भवती महिला के पेट पर रगड़ा जाता है और प्रार्थना की जाती है। जिस प्रार्थना मे ऐलान होता है कि अगर लड़का पैदा हुआ तो उसे "गर्वासियो" कहकर पुकारेंगे और अगर लड़की हुई तो उसे "सेनोरिन्हा" कहकर पुकारा जाएगा।
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क्या होता है, अगर कोई भी पुल पार नहीं करता?
- किसी व्यक्ति के पुल पार न करने की स्थिति में स्त्री को बार-बार मिज़ारेला आना होता है, जब तक कि कोई गॉडपैरेंट न मिल जाए। किवंदती है कि जिन गर्भ के बच्चों का बपतिस्मा इस पुल पर होता है, वे हमेशा ज़िंदा रहते हैं। यह रिवाज़ सैकड़ों सालों से चला आ रहा है। 2 ख़ास नामों (गर्वासियो व सेनोरिन्हा) वाले बहुत से बच्चे हर साल यहाँ अपनी जान बचने का जश्न मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं।
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पुल बनने से लेकर अब तक बहुत लोग कर चुके हैं भागने के लिए इस्तेमाल
- 19वीं सदी की शुरुआत में, पेनिन्सुलर वॉर के दौरान ब्रिटिश और पुर्तगाली सेना से जान बचाकर फ्रांस के सैनिक वैसे ही भागे थे, जैसे वह डाकू भागा था। इस पुल को इसके मज़बूत स्ट्रक्चर के लिए जाना जाता है। जो किनारों पर ग्रेनाइट की दीवारों के सहारा टिका हुआ है।
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शैतान भी है पुल के आस-पास
- एक और किवदंती है कि पुल के एक तरफ़ उभरी हुई चट्टान, जिसे "डेविल्स पलपिट" कहा जाता है। वहाँ पर आधी रात को ख़ुद शैतान चुड़ैलों की सभा को संबोधित करता है।
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क्या आपमें है डेविल्स ब्रिज पार करने की हिम्मत?
- मिज़ारेला पुल उत्तरी पुर्तगाल में, मोंटालेग्रे के बॉर्डर और विएरा डि मिन्हो के बीच में बना हुआ है। इस ब्रिज के बारे में कहा जाता है कि इसे शैतान ने ख़ुद बनाया था, इसलिए इसे "डेविल्स ब्रिज" भी कहा जाता है। हरे-भरे "गैरेस माउंटेन" के बीचों-बीच चमकीली "रबागाओ" नदी के ऊपर बना मिज़ारेला पुल एक रहस्यमयी जगह है। आपको यह पुल ज़रूर देखना चाहिए। यह रहस्यमयी पुल कैसे बना और यहाँ आने वाले लोगों को होने वाले भूतिया एहसास की दिलचस्प कहानी जानने के लिए, क्लिक करें।
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कोई नहीं जानता यह कब बना
- इसके स्ट्रक्चर को देखकर अंदाज़ा लगाया जाता है कि यह मध्यकाल (मिडिवल पीरियड) में बनाया गया था। इसका स्ट्रक्चर, मध्यकालीन वास्तुकला (मिडिवल आर्किटेक्चर) से बहुत मिलता-जुलता है। इस पुल को घने जंगल के बीचों-बीच बनाया गया है। इस तरह घने जंगलों के बीच पुल मध्यकाल के दौरान ही बनाए जाते थे।
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यह है किवदंती
- ऐसा कहा जाता है कि एक बार एक बेहद खूँखार डाकू पकड़े जाने से बचने के लिए पहाड़ों में आ छिपा। लेकिन, जल्दी हो लोग उसका पीछे करते हुए
घने जंगल तक आ गए। उसने भागने के लिए तेज़ बहाव वाली रबागाओ नदी को पार करने की कोशिश की। लेकिन, वह नदी के चारों ओर मौजूद खड़ी चट्टानों में फंस गया।
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डाकू ग़लत समय पर ग़लत जगह फँस चुका था
- उसे चट्टानों के बीच फँसे-फँसे रात हो गई। उस सर्द और तूफ़ानी रात में डाकू की हालत ख़राब हो चुकी थी। उसका भगवान से भरोसा उठ चुका था। इसलिए, उसने शैतान की मदद लेने का फैसला किया। ठीक आधी रात को उसने शैतान को आवाज़ लगाई।
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शैतान के साथ समझौता - उसके पुकारने पर शैतान फौरन ही प्रकट हुआ और उससे पूछा कि वह क्या चाहता है? डाकू ने कहा कि,"मुझे ये डरावनी और गहरी नदी की घाटी पार करा दो। मैं बदले में अपनी आत्मा तुम्हें सौंप दूँगा।"
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शैतान की शर्त - शैतान ने डाकू से कहा कि," एक शर्त पर मैं तुम्हें नदी पार करा सकता हूँ। तुम सीधे चलते जाओगे और पीछे मुड़कर नहीं देखोगे" डाकू ने उसकी शर्त मान ली। जिसके बाद शैतान ने हवा में हाथ घुमाकर गहरी नदी के ऊपर पत्थरों का एक पुल बना दिया।
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डाकू ने अपना वादा निभाया
- डाकू जितनी तेज़ी से दौड़ सकता था, उतनी तेज़ी से बिना पीछे देखे पुल पर दौड़ने लगा। अगर वह पीछे देखता, तो उसे पता चलता कि वह पुल हवा में गायब हो गया इससे पहले कि उसका पीछा करने वाले उसे पार कर पाते।
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लेकिन कहानी यही ख़त्म नहीं होती
- बरसों बीतने के बाद, जब वह डाकू मरने वाला था, तो उसने अतीत में किए गए बुरे कामों का प्रायश्चित करने का सोचा। उसे शैतान के साथ किए गए समझौते पर पछतावा हुआ और उसने अपनी आत्मा को शैतानी चंगुल से निकालने के लिए एक आख़िरी कोशिश करने का फैसला किया।
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वह पादरी के पास गया
- वह उत्तरी पुर्तगाल में अपनी नज़दीकी म्यूनिसिपैलिटी (नगर पालिका) मोंटालेग्रे में एक ऐसे जाने-माने पादरी की तलाश में निकल पड़ा, जो उसकी आत्मा को वापस ला सके।
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एक पादरी ने चुनौती स्वीकार कर ली
- उसको एक पादरी मिल गया। वह पादरी रात के समय एक किसान के हुलिए में पहाड़ी इलाके में रबागाओ नदी की तरफ जा पहुँचा। उसने ठीक वैसा ही किया, जैसा डाकू ने पिछली बार किया था। उसने ठीक आधी रात के समय शैतान को पुकारा और पुल के बदले अपनी आत्मा सौंपने का वादा किया।
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- जैसे ही नदी की तेज़ धारा के ऊपर पत्थर का पुल बनना शुरू हुआ। पादरी ने फुर्ती दिखाते हुए अपनी टोपी के नीचे से पवित्र जल का एक कलश निकाला और भूत भगाने का मंत्र पढ़ते हुए हीदर की टहनी से उस पर पवित्र जल छिड़क दिया। जल गिरने से शैतान चिल्लाया। शैतान की काली आकृति एकदम ग़ायब हो गई और हवा में मछली और सल्फर की गंध भर गई।
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बुराई पर अच्छाई की जीत हुई
- शैतान तो ग़ायब हो गया, लेकिन पुल ज्यों का त्यों रह गया। तब से "डेविल्स ब्रिज" उसी सुंदर और शाही हालत में रबागाओ नदी के किनारे पर मौजूद है। लोगों का मानना है कि कथित तौर पर इस पुल में जादुई गुण हैं।
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गर्भधारण का आशीर्वाद
- ऐसी किवदंती है कि अगर कोई महिला गर्भ धारण नहीं कर पा रही है या वह गर्भवती है और उसे पता है कि बच्चे को जन्म देने में परेशानी हो रही है, तो उसे रात में अपने परिवार के साथ पुल के आर्क के बीचो-बीच एक रस्सी व एक ग्लास के साथ जाकर खड़े होकर इंतज़ार करना चाहिए।
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पुल के ज़रिए चुनते हैं बच्चे के गॉडपैरेंट्स! - सभी पुल पर खड़े होकर इंतज़ार करते हैं और पुल पार करने वाला पहला व्यक्ति उस पैदा होने वाले बच्चे का गॉडफादर या गॉडमदर बनता है।
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होता है जन्म से पहले बपतिस्मा
- कुछ सूत्रों के अनुसार चुने गए नए गॉडपैरेंट को रस्सी का इस्तेमाल करते हुए गिलास को नदी में लटका कर पानी भरना होता है। फिर इस पानी को गर्भवती महिला के पेट पर रगड़ा जाता है और प्रार्थना की जाती है। जिस प्रार्थना मे ऐलान होता है कि अगर लड़का पैदा हुआ तो उसे "गर्वासियो" कहकर पुकारेंगे और अगर लड़की हुई तो उसे "सेनोरिन्हा" कहकर पुकारा जाएगा।
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क्या होता है, अगर कोई भी पुल पार नहीं करता?
- किसी व्यक्ति के पुल पार न करने की स्थिति में स्त्री को बार-बार मिज़ारेला आना होता है, जब तक कि कोई गॉडपैरेंट न मिल जाए। किवंदती है कि जिन गर्भ के बच्चों का बपतिस्मा इस पुल पर होता है, वे हमेशा ज़िंदा रहते हैं। यह रिवाज़ सैकड़ों सालों से चला आ रहा है। 2 ख़ास नामों (गर्वासियो व सेनोरिन्हा) वाले बहुत से बच्चे हर साल यहाँ अपनी जान बचने का जश्न मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं।
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पुल बनने से लेकर अब तक बहुत लोग कर चुके हैं भागने के लिए इस्तेमाल
- 19वीं सदी की शुरुआत में, पेनिन्सुलर वॉर के दौरान ब्रिटिश और पुर्तगाली सेना से जान बचाकर फ्रांस के सैनिक वैसे ही भागे थे, जैसे वह डाकू भागा था। इस पुल को इसके मज़बूत स्ट्रक्चर के लिए जाना जाता है। जो किनारों पर ग्रेनाइट की दीवारों के सहारा टिका हुआ है।
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शैतान भी है पुल के आस-पास
- एक और किवदंती है कि पुल के एक तरफ़ उभरी हुई चट्टान, जिसे "डेविल्स पलपिट" कहा जाता है। वहाँ पर आधी रात को ख़ुद शैतान चुड़ैलों की सभा को संबोधित करता है।
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क्या आपमें है डेविल्स ब्रिज पार करने की हिम्मत?
ऐसा पुराना रास्ता, जिसे शैतान ने ख़ुद बनाया था
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मिज़ारेला पुल उत्तरी पुर्तगाल में, मोंटालेग्रे के बॉर्डर और विएरा डि मिन्हो के बीच में बना हुआ है। इस ब्रिज के बारे में कहा जाता है कि इसे शैतान ने ख़ुद बनाया था, इसलिए इसे "डेविल्स ब्रिज" भी कहा जाता है। हरे-भरे "गैरेस माउंटेन" के बीचों-बीच चमकीली "रबागाओ" नदी के ऊपर बना मिज़ारेला पुल एक रहस्यमयी जगह है। आपको यह पुल ज़रूर देखना चाहिए।
यह रहस्यमयी पुल कैसे बना और यहाँ आने वाले लोगों को होने वाले भूतिया एहसास की दिलचस्प कहानी जानने के लिए, क्लिक करें।
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