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क्या होता है "पिक-मी गर्ल" और महिलाओं के लिए ये क्यों नुकसानदेह है?
अगर वह दूसरी महिलाओं की तरह नहीं है, तो वह "कूल" नहीं है
© <p>Shutterstock</p>
हाल के सालों में पिक-मी गर्ल के बारे में ऑनलाइन बात करने वाले लोगों की तादाद तेज़ी से बढ़ी है। हमारे कल्चर से इसको दोहरा बढ़ावा मिला है। क्योंकि जहाँ एक तरफ "पिक-मी गर्ल" की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ, इससे लोगों को मौका भी मिल रहा है कि टिकटॉक पर जो भी लोग #pickme के हैशटैग का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनकी बुराई की जा सके। यही वजह है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस हैशटैग का इस्तेमाल अब तक लगभग 6 मिलियन बार किया जा चुका है और अभी भी लोग लगातार इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
"पिक-मी गर्ल" का मतलब समझने की कोशिश करें, तो पहली निगाह में ही पता चल जाता है कि यह कितनी आसानी से फेमिनिज़्म जैसी महत्वपूर्ण चीज़ को तबाह कर रहा है। लेकिन, एक तथाकथित घटना के संबंध में हमारी बिना सोचे-समझी की गई प्रतिक्रिया से पता चलता है कि हम जेंडर इक्वलिटी (लैंगिक समानता) को लेकर क्या सोचते हैं।
इस गैलरी पर क्लिक करें और जानें कि पिक-मी गर्ल क्या होता है, इसके ज़रिए किस तरह महिलाएँ पुरूषों के जाल में फंसती है और कैसे उन हालात से बचा जा सकता है, जिनपर यह पूरी कॉन्सेप्ट टिका है।
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