अक्सर लोग कहते हैं कि प्यार और काम को अलग-अलग रखा जाना चाहिए। लेकिन, इन कपल्स के लिए ऐसा करना बहुत मुश्किल था। इनमें से कुछ कपल्स एक दूसरे से बहुत ज़्यादा प्यार करते थे, तो कुछ कपल्स ने अपने साथी के जुनून को पूरा करने में उसका साथ दिया।
इन ख़तरनाक प्रेमी जोड़ों के बारे में ज़्यादा जानने के लिए इस गैलरी पर क्लिक करें।
यह दोनों मशहूर डाकू थे। यह जोड़ी इतिहास की सबसे मशहूर घटनाओं में से एक के लिए ज़िम्मेदार है।
1932 से 1934 के बीच, वे दक्षिणी अमेरिका के राज्यों में पहुँचे। जहाँ कथित तौर पर उन्होंने 13 लोगों की जान ले ली। इन लोगों में पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। उन्होंने बहुत सी डकैती डालीं और अपहरण भी किए। यहाँ तक कि इस जोड़ी ने जेल तोड़कर 5 लोगों को बाहर निकाल लिया। आख़िरकार, अमेरिका के लुसियाना में पुलिस ने घात लगाकर उन पर हमला किया। जिसमें गोली लगने से दोनों मारे गए।
रेमंड मार्टिनेज़ ने महिलाओं को धोखाधड़ी का शिकार बनाने के लिए अख़बार में एड दिए। ताकि, वो अकेली महिलाओं को फ्रॉड का निशाना बना सके। शुरुआत में उसने महिलाओं का भरोसा जीतने के बाद, उनके पैसे ठगे। लेकिन, बाद में वो उन्हें जान से मारने लगा।
वह मार्था बेक को अपना तीसरा शिकार बनाने वाला था। लेकिन, उन दोनों को आपस में प्यार हो गया। फिर वो दोनों मिलकर इस काम को अंजाम देने लगे। जब रेमंड अकेली महिलाओं को पैसे ठगने के लिए लुभाता था, तो मार्था उसकी बहन बन जाती थी।
1949 में यह जोड़ा पकड़ा गया। पकड़े जाने से पहले इस जोड़ी ने एक बच्चे समेत बहुत सी महिलाओं की जान ले ली थी। उन दोनों को इलेक्ट्रिक चेयर पर बैठाकर मौत के घाट उतार दिया गया।
मायरा हिंडले और इयान ब्रैडी, तीन नाबालिग़ों के अपहरण, टॉर्चर, यौन उत्पीड़न और क़त्ल करने के ज़िम्मेदार थे। वे अपने शिकारों की लाशों को इंग्लैंड के उजाड़ इलाक़े सैडलवर्थ मूर्स में दफ़नाते थे। जिसके चलते उनका नाम "द मूर्स मर्डरर्स" पड़ा।
मायरा हिंडले को ब्रिटेन की ऐसी पहली महिला सीरियल किलर माना जाता है, जिस पर आरोप साबित हुए। नीचे दी गई उसकी डरावनी फोटो को एक यादगार तस्वीर माना जाता है।
19 साल के चार्ल्स स्टार्कवेदर ने सबसे पहले एक गैस स्टेशन के कर्मचारी का क़त्ल किया था। इस कर्मचारी ने उसकी 14 साल की प्रेमिका "कैरिल एन फुगाते" के लिए तोहफ़ा उधार देने से मना कर दिया था।
इसके अगले महीने, स्टार्कवेदर ने फुगाते के माँ-बाप और उसकी 2 साल की बहन को मार डाला। फिर इस कपल ने एक हफ़्ते के भीतर-भीतर 10 लोगों को क़त्ल कर दिया। जनवरी 1958 में एक रोड ट्रिप के दौरान व्योमिंग में पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
उनके द्वारा किए गए अपराधों पर बहुत सी फिल्में व गाने बने हैं। इनमें 1994 में रिलीज़ हुई ऑलिवर स्टोन की "नेचुरल बॉर्न किलर्स" बहुत मशहूर है। इस फिल्म पर बड़ा विवाद हुआ। इसके डायरेक्टर पर अपराध को बढ़ावा देने का आरोप लगे। इस फिल्म में कम से कम 8 हत्याएँ दिखाई गई हैं।
ब्रिटेन के इतिहास में एक कपल द्वारा किए गए सबसे ख़ौफ़नाक क़त्ल फ्रेड व रोज़ वेस्ट की जोड़ी ने किए हैं।
इनका बुरा वक्त तब शुरू हुआ, जब रहस्यमयी रूप से इनकी ही एक बेटी ग़ायब हो गई। ऐसे ही एक मामले में 1994 में पुलिस को जाँच के दौरान इस जोड़ी पर शक हो गया। पुलिस ने वारंट लेकर उनके घर की तलाशी ली, तो वहाँ बरामदे के नीचे दो लड़कियों की लाशें दबी मिलीं। इनमें से एक लाश इसी केस में गुमशुदा लड़की हीदर की थी। 25 क्रॉमवेल स्ट्रीट स्थित उनके घर को "हाऊस ऑफ हॉरर" के नाम से जाना जाता है।
पूछताछ में फ्रेड ने अन्य जुर्म भी कबूल किए। उसने पुलिस को अपने घर के तहख़ाने में दफ़नाई अन्य 12 लड़कियों की लाशों और दूसरे शिकारों की लाशों के बारे में भी बताया। फ्रेड को अदालत ने 12 महिलाओं के बेरहम यौन उत्पीड़न और क़त्ल का ज़िम्मेदार ठहराया। रोज़ वेस्ट को 10 क़त्लों का ज़िम्मेदार ठहराया गया। ऐसा माना जाता है कि इस जोड़े ने और भी ऐसे जुर्म किए थे, जिनका अब तक पता नहीं चल सका।
2002 में, ख़ुद को "वैंपायर" मानने वाले और शैतान के पुजारी डेनियल व मैनुएला को एक ख़ौफ़नाक क़त्ल का ज़िम्मेदार ठहराया गया था। पूछताछ के दौरान, इस जर्मन कपल ने ख़ून पीने और ताबूत में सोने की बात कबूली थी। अदालत में सुनवाई के दौरान मैनुएला ने अपील की थी कि अदालत की सुनवाई कम रौशनी में की जाए। उसे रौशनी से दिक़्क़त होती है।
2001 में, वे दोनों अपने एक सहकर्मी को बहला-फुसलाकर अपने अपार्टमेंट में ले आए। जहाँ, उन्होंने हथौड़े से उस पर वार करके मार डाला। उन्होंने उस पर 66 बार हथौड़े के वार किए थे। अदालत में उन्होंने कहा कि वे बस शैतान के आदेशों का पालन कर रहे थे।
डेनियल को 15 साल व मैनुएला को 13 साल की सज़ा सुनाई गई। जिसके बाद उन्हें अनिश्चित समय तक साइकियाट्रिक फैसिलिटी में रखा गया। जहाँ पर साइकोलॉजिस्ट ने पता लगाया कि उन्हें "नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर" है। जेल में रहते हुए ही उन दोनों का तलाक हो गया और वे दोनों अब जेल से रिहा हो चुके हैं।
हिंसा से भरी इस कहानी पर आपको यक़ीन भी नहीं होगा। रशियन कपल इनेसा तारवेर्डियेवा व रोमन पोडकोपेव ने अपने परिवार को एक ख़तरनाक गैंग में बदल दिया। इनेसा एक नर्सरी स्कूल में टीचर और रोमन एक डेंटिस्ट था।
इस कपल और उनकी दो बेटियों, विक्टोरिया और अनास्तासिया को 30 लोगों के क़त्ल का ज़िम्मेदार माना जाता है। इनके शिकारों में बहुत से पुलिस अधिकारी, सिक्योरिटी गार्ड और मकान मालिक शामिल थे। रोमन और इसेना के घर की तलाशी के दौरान बहुत सारे पैसे, सोने के ज़ेवरात और हथियार बरामद हुए थे।
इस मामले में पोडकोपेव की बहन अनास्तासिया सिनेलनिक और उसके पुलिस अफ़सर पति सर्गेई को भी कसूरवार ठहराया गया। उन लोगों ने जुर्म पर पर्दा डालने में रोमन व इसेना की मदद की। सर्गेई उन्हें जांच से जुड़ी अंदर की जानकारियाँ उपलब्ध कराता था। पोडकोपेव के अलावा सभी लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पोडकोपेव को गिरफ्तार नहीं किया जा सका, क्योंकि पुलिस की गोली लगने से उसकी मौत हो गई। सभी हत्याओं के समय रोमन व इसेना की बेटी अनास्तासिया नाबालिग़ थी।
2015 मे सेन बर्नार्डिनो में स्थानीय हेल्थ इंस्पेक्टर सैय्यद रिज़वान फ़ारूक़ ने अपने सहकर्मियों को हॉली-डे पार्टी के लिए इन्वाइट किया था। पार्टी के बीच में वह पार्टी छोड़कर चला गया और जल्दी ही अपनी बीवी तशफ़ीन मलिक के साथ लौटा। लौटते ही वे लोग भीड़ पर फ़ायर करने लगे और उन्होंने 14 लोगों के मौत के घाट उतार दिया। इसके अलावा 22 लोग घायल हो गए।
इस कपल ने काली एसयूवी कार में भागने की कोशिश की, लेकिन बाद में पुलिस ने उन्हें ढूँढ लिया। मुठभेड़ के दौरान फ़ारूक पुलिस पर गोलियाँ चला रहा था, जबकि उसकी बीवी गाड़ी चला रही थी। आख़िरकार, वे दोनों पुलिस की गोली से मारे गए।
फ़ारूक़ और मलिक को अमेरिका के इतिहास में सबसे ख़ौफ़नाक "मास शूटिंग (सामूहिक गोलीबारी)" में से एक का ज़िम्मेदार माना जाता है। उनके दोस्तों और परिवार वालों के अनुसार, ये कपल चरमपंथी नहीं था और उनका संबंध किसी आंतकी संगठन से भी नहीं था। लेकिन, हमले के दिन कथित तौर पर उन्होंने फेसबुक पर इस्लामिक स्टेट के समर्थन की घोषणा की थी।
ये क़िस्मत की ही बात थी कि एक नाकाम बेसबॉल खिलाड़ी और एक कट्टरपंथी ईसाई परिवार की ख़ूबसूरत लड़की की मुलाकात हुई और उन्हें प्यार हो गया। वे दोनों शाही ज़िंदगी जीना चाहते थे। जिसके चलते, वो जल्दी ही पूरे अमेरिका में ख़तरनाक बैंक डकैतियाँ करने लगे।
90 के दशक का अंत होते-होते वे आधे मिलियन से अधिक कैश लूट चुके थे। एफबीआई की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल होने पर वे देश छोड़कर भाग गए। साउथ अफ्रीका के केपटाउन में बसने से पहले उन्होंने दुनिया भर की सैर की। उन्होंने ट्रॉपिक्स में स्कूबा डाइविंग के मज़े लिए और दुनिया के सबसे बेहतरीन रिजॉर्ट्स में स्कीइंग की।
एफबीआई ने उनका पता लगा लिया और उन्हें साउथ अफ्रीका के अधिकारियों के साथ मिलकर अमेरिका डिपोर्ट कराया। उन्हें आधुनिक समय का "बॉनी और क्लाइड" कहा जाता है।
ख़ुद को हिप्पी कहने वाले वॉल्फगैंग बेलत्राची और उसकी बीवी हेलेन को इतिहास के सबसे बड़े आर्ट फ्रॉड के लिए जाना जाता है।
वॉल्फ़गैंग एक ऐसा आर्टिस्ट था, जिसने किसी से भी पेंट करना नहीं सीखा था। फिर भी वो मशहूर पेंटर की पेंटिंग्स की हुबहू नकल कर लेता था। धीरे-धीरे उसने अपनी नकली पेंटिंग्स से पैसा कमाना शुरू कर दिया। 1992 में उसकी हेलेन से पहली मुलाकात हुई, तो हेलेन उसकी आर्ट डीलर बन गई। जिसके बाद हेलन उसकी बनाई नकली पेंटिंग्स को महंगी क़ीमतों पर बेचने लगी। वॉल्फ़गैंग द्वारा बनाई गई मैक्स अर्न्स्ट की नकली पेंटिंग हेलन ने 7 मिलियन अमेरिकी डॉलर में बेची थी।
ऐसा माना जाता है कि इस कपल ने 2010 में पकड़े जाने से पहले 22 मिलियन अमेरिकी डॉलर की नकली पेंटिंग्स बेच दी थी। 2010 में जब एक पेंटिंग एक्सपर्ट ने एक पुरानी पेंटिंग पर नए पेंट के निशान देखे, तो उसे शक हुआ। जल्द ही, नकली पेंटिंग्स की एक पूरी सीरीज़ उजागर हो गई। तफ्तीश में नकली पेंटिंग्स के तार बेलत्राची से जुड़े पाए गए।
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LIFESTYLE Crime
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